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डिस्टेंस एजूकेशन: छोटे कदम लंबी छलांग
 | स्कूली परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं। अब वक्त है प्रतियोगी परीक्षाओं के जरिए आने वाले कल को निखारने का। यूं तो आज कई?तरह के कोर्सो के जरिए भविष्य संवारने के कई रास्ते हैं। लेकिन इन कोर्सो के लिए आपको 2-4 साल की पढ़ाई के साथ नियमित रूप से क्लास भी अटेंड करनी होती हैं । ऐसे में वे लोग जो जॉब कर रहे हैं या फिर कई और कारणों से नियमित कक्षाओं में जाकर पढ़ाई नहीं कर सकते उनके लिए दूरस्थ शिक्षा बन रही है फायदे का सबब. |
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एकेडमिक या प्रोफेशनल
 | शिक्षा क्षेत्र में लगातार बदलाव आ रहे हैं। हर कोई इन बदलावों का अपने कॅरियर की बेहतरी की शक्ल में फायदा उठाना चाहता है। लेकिन सवाल यह है कि इसके लिए कौन सा रास्ता उचित होगा-फटाफट जॉब की गारंटी देते प्रोफेशनल कोर्स या फिर सदाबहार एकेडमिक कोर्स... |
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10+2 सही फैसले से बनेगी बात
 | 12वीं की परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं। परीक्षाओं के टेंशन भरे पल दूर हो चले हैं लेकिन अब कॅरियर की चुनौतियां अलहदा शक्लों में हमारे सामने हैं। इनमें सबसे खास है 12वीं बाद कॅरियर निर्धारण की चुनौती.. |
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ऑटो गियर ट्रैक
 | देश के विशाल कॉमर्शियल मार्केट को देखते हुए आज भारत दुनिया की तमाम ऑटोमोबाइल जायंट्स का ठिकाना बन रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार इस वर्ष इस क्षेत्र में जॉब का पिटारा खुल सकता है। अगर आपको भी यह क्षेत्र लुभा रहा है तो आप इसमें कॅरियर का टॉप गियर डाल सकते हैं.. |
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है जोश तो करो मुकाबला
 | सेना को कॅरियर के लिहाज से देखें, तो यह महज एक अवसर भर नहीं है, बल्कि यह तो फर्ज?अदायगी की वह राह है, जिसमें देश के करोड़ों लोग असीम भरोसा जताते हैं आप पर और मानते हैं कि जब तक सरहद पर आप जैसे जांबाज बैठे हैं दुश्मन इस तरफ झांकने की भी जुर्रत नहीं कर सकता। ऐसे में यदि आप भी सेना के चुनौतीपूर्ण पेशे में प्रवेश की चाहत रखते हैं तो रास्तों की कमी नहीं है। 15 जनवरी, सेना दिवस के अवसर पर हम आपको ऐसे ही चुनौतीपूर्ण रास्तों से मुखातिब कर रहे हैं.. |
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शीर्ष 10 नई उम्मीदें
 | कभी हंसाने तो कभी रुलाने वाला साल 2012 विदा ले चुका है। बीते साल के सेलुलाइड पर दिखे राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के कुछ रंग फीके पड़ चुके हैं तो कुछ रंग ऐसे भी हैं जिनमें अभी भी जान बाकी है नए साल को रंगीन करने के लिए। ऐसे में बात करें साल 2012 की, तो हमारे सामने कई?ऐसी चुनौतियां हैं?जिनके जवाब हमें 2013 में ढं़ूढने होंगे। साल के इस पहले अंक में हम इन्हीं चुनौतियों और उनके जवाबों की पड़ताल करेंगे। कोशिश होगी देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में घटी मुख्तलिफ किस्म की घटनाओं में छिपे आने वाले कल की खूबसूरती ढू़ंढने की.. |
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वन डोर फॉर डॉक्टर्स
 | देशभर के मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस और बीडीएस के पाठ्यक्रमों में एडमिशन चाहने वाले युवाओं में पहली बार होने जा रही नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (नीट) का क्रेज साफ देखा जा सकता है। नीट में अच्छी रैंक लाने के बाद आप देश के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए योग्य होंगे। क्या है सीबीएसई द्वारा आयोजित नीट के नए प्रावधान और क्या है इसकी तैयारी का फॉर्मूला.. |
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अधिकार में अवसर
 | इंसानी दर्द पहचानने के लिए आपको अवसरों या फिर मौकों की जरूरत नहीं होती। जरूरत होती है तो बस एक संवेदनशील हृदय की जो इंसान के साथ हो रहे जोर-जबर को महसूस कर सके। 10 दिसम्बर मानवाधिकार दिवस एक ऐसा ही खास दिन है। इस दिन आप जैसे कई युवा ऐसे पेशे में जाने का संकल्प ले सकते हैं जो आपको संतोष व मानवता के जख्मों को ठंडक देगा.. |
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कैसे करें विषयवार तैयारी
 | एआईईईई के स्थान पर पहली बार होने वाली जेईई-मेन परीक्षा का क्रेज आईआईटी में प्रवेश की पहली सीढ़ी होने के कारण कई गुना बढ़ गया है। जेईई-मेन में अच्छी रैंक लाने के बाद आप देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए योग्य होंगे और जेईई-एडवांस में परीक्षा देने के लिए भी पात्रता हासिल कर लेंगे। क्या है जेईई-मेन परीक्षा के नए प्रावधान और कैसे करें तैयारी.. |
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कैसे करें विषयवार तैयारी
 | एआईईईई के स्थान पर पहली बार होने वाली जेईई-मेन परीक्षा का क्रेज आईआईटी में प्रवेश की पहली सीढ़ी होने के कारण कई गुना बढ़ गया है। जेईई-मेन में अच्छी रैंक लाने के बाद आप देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए योग्य होंगे और जेईई-एडवांस में परीक्षा देने के लिए भी पात्रता हासिल कर लेंगे। क्या है जेईई-मेन परीक्षा के नए प्रावधान और कैसे करें तैयारी.. |
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